TALLY THEORY IN HINDI

 

3 Golden Rules of Accounting in Hindi

लेखांकन के 3 सुनहरे नियम (3 Golden Rules of Accounting in Hindi) वित्तीय व्यवसाय लेनदेन (Financial Transaction) के लिए दिन प्रतिदिन दर्ज (Day to Day Record) करने का आधार हैं।

जिस पुस्तक या खाते में हम इन सभी लेनदेन (Transaction) को दर्ज  करते हैं उसे जर्नल बुक (Journal Book) के रूप में जाना जाता है।

जर्नल बुक (Journal Book) को कालानुक्रमिक क्रम में रखा गया है (अर्थात दिनांक वार / Date wise)

खाते के सुनहरे नियमों (Golden Rules of Accounting in Hindi) को समझने के लिए, पहले, हमें खातों के प्रकार (Types of Account) को जानना होगा क्योंकि खाते के प्रकार के आधार पर लेनदेन के लिए नियम लागू होते हैं।

Chapter 2 Types of Account in Hindi | Tally Tips

लेखांकन के सुनहरे नियमों के अनुसार, खातों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया है।

 

Personal Account (व्यक्तिगत खाता)

Real Account (वास्तविक खाता)

Nominal Account (नाममात्र खाता)

Debit

The Receiver (पानेवाले/ प्राप्तकर्ता)

What Comes In (जो आता है)

All Expenses and Losses (सभी खर्चों और नुकसान)

Credit

The Giver (देनेवाले/ देता)

What Goes Out (जो जाता है)

All Income and Gains (सभी आय और लाभ)

Types of Account in Hindi

चलिए इसे थोड़ा और सरल और आसान बनाते है, जिससे इसे समझने मे हमे काफी आसानी होगी।

 

Who (कौन) Personal Account (व्यक्तिगत खाता)

What (क्या) Real Account (वास्तविक खाता)

Why (क्यों) Nominal Account (नाममात्र खाता)

Example (उदहारण)

Firm (व्यवसाय-संघ),
Person (
व्यक्ति),
Company(
कंपनी)

Goods (माल),
Furniture (
फर्नीचर)
Money (
पैसे)

Interest (ब्याज)
Commission (
आयोग)
Discount (
छूट)

Debit

Receiver (पानेवाला)

Comes In (जो आ रहा है)

For expenses (खर्चो के लिए)

Credit

Giver (देनेवाला)

Goes Out (जो जा रहा है)

From Income (आय या आमदनी से)

Types of Account in Hindi

Chapter 3 3 Golden Rules of Accounting in Hindi

लेखांकन (Accounting) में किसी भी प्रविष्टि (entry) को हम इन तीन व्यापक श्रेणियों (3 category) में से किसी एक के अंतर्गत ही दर्ज करते है:

  • क्या (Real / वास्तविक),
  • कौन (Personal / व्यक्तिगत) और,
  • क्यों (Nominal / नाममात्र)

इसलिए मूल रूप से, यह बताता है कि:

  • Nominal Account: लेनदेन क्यों (Why) हुआ है;

Description: https://learnmoreindia.in/wp-content/uploads/2021/12/image-4.pngNominal Account

  • Real Account: क्या (What) वस्तुएं बाहर आ रही हैं या बाहर जा रही हैं।

Description: https://learnmoreindia.in/wp-content/uploads/2021/12/image-5.pngReal Account

  • Personal Account: कौन (Who) प्राप्त कर रहा है या दे रहा है।

Description: https://learnmoreindia.in/wp-content/uploads/2021/12/image-6.pngPersonal Account

उदाहरण के लिए, आपने 25,000 नकद देकर कंप्यूटर खरीदा।

यहां, आप एक कंप्यूटर प्राप्त कर रहे हैं, इसलिए इसे Debit किया जायेगा, और नकद को Credit किया जाना चाहिए क्योंकि यह बाहर जा रहा है।

इसे तर्क के आधार पर समझते है, सरल भाषा में कंप्यूटर खरीद का उपरोक्त लेनदेन (Transactio) बन जाता है।-

क्या खरीद? – Computer (कंप्यूटर), इसलिए Debit हो गया।

क्या अदा किया? – Cash रुपये, इसलिए Cash को Credit किया गया।

इसके बारे में सुनिश्चित करने के लिए एक और उदाहरण लेते हैं। नकद में 5,000 का बिजली बिल भुगतान किया।

पैसा क्यों चुकाया गया? – बिजली खर्च के लिए, इसलिए बिजली को Debit किया गया।

क्या अदा किया? Cash रुपये, इसलिए कैश को Credit किया गया।

अगली बार जब आप Debit और Credit के बारे में उलझन में हों, तो बस याद रखें क्या, कौन और क्यों

Chapter 4 Debit and Credit Golden Rules of Accounting in Hindi

चलिए अब इसे विस्तार में सझते है।

क्या आप अभी भी Debit और Credit के बारे उलझ गए हो?

अगर  हां, आप में से कुछ की तरह, यहां तक ​​कि मैं भी अपने शुरुआती दिनों में हैरान था।

इसमें उनलझने जैसी कोई बात नहीं शुरुवात में थोड़ी परेशानी हर किसी को आती है।

लेकिन नीचे कुछ तर्क और नियमो का पालन करने के बाद, हम डेबिट और क्रेडिट पर अपनी समझ कायम कर पाएंगे और उसके बाद, हम इसका हर बार सही ढंग से इस्तेमाल करेंगे।

लेखांकन के सुनहरे नियमों (Golden Rules of Accounting) के साथ शुरुआत करने के बजाय, हमें निचे दिए गए Debit और Credit को Table में समझने की कोशिश करेंगे

Debit

Credit

Positive (+) (सकारात्मक (+))

Negative (-) (नकारात्मक (-))

Come (आनेवाला)

Go (जानेवाला)

Receive (प्राप्त करना)

Give (देना)

Receiver (प्राप्त करनेवाला)

Giver (देनेवाला)

Deposit (जमा करना)

Withdraw (निकालना या लेना)

Increasing (बढना या बढ़ रहा है)

Decreasing (घटना या घट रहा है)

 

 

1.    व्यक्तिगत लेखा(Personal Account)

व्यक्ति एवं संस्था से सम्बंधित लेखा को व्यक्तिगत लेखा कहते है । जैसे मोहन का लेख, शंकर वस्त्रालय का लेखा व्यक्तिगत लेखा हुआ ।

Chapter 5 व्यक्तिगत लेखा का नियम (Rule of Personal Account)

पाने वाले को नाम (Debit The Receiver)

देने वाले को जमा (Credit The Giver)

स्पष्टीकरण :

जो व्यक्ति कुछ प्राप्त करते हैं उन्हें Receiver कहा जाता है और उन्हें Debit में रखा जाता है । जो व्यक्ति कुछ देते है, उन्हें Giver कहा जाता है और उन्हें Credit में रखा जाता है।

उदाहरण :

मोहन को 1000 रुपया दिया गया, मोहन 1000 रुपया ले रहा है वह Receiver हुआ इसलिए उन्हें Debit में रखा जायेगा ।

सोहन से 1000 रुपया प्राप्त हुआ । सोहन 1000 रुपया देय रहा है वह Giver हुआ । इसलिए उन्हें Credit किया जायेगा ।

2.    वास्तविक लेखा (Real Account)

वस्तु एवं सम्पति से संबंधित लेखा को वास्तविक लेखा कहतें है । जैसे रोकड़ का लेखा, साईकिल का लेखा वास्तविक लेखा हुआ ।

Chapter 6 वास्तविक लेखा का नियम (Rule of Real Account)

जो आवे उसे नाम (Debit what comes in )

जो जावे उसे जमा (Credit What goes out)

स्पष्टीकरण :

व्यवसाय में जो वस्तुएँ आती है उसे Debit में रखा जाता है और व्यवसाय से जो वस्तुएँ जाती है उसे Credit में रखा जाता है ।

उदाहरण :

मोहन से 1000 रुपये प्राप्त हुआ । एक 1000 रुपया आ रही है इसलिए उसे Debit में रखा जाता है ।

सोहन के हाथ घड़ी बेची गया । घड़ी जा रहा है इसलिए उसे Credit में रखा जायेगा ।

3.    अवास्तविक लेखा (Nominal Account)

खर्च एवं आमदनी से सम्बन्धित लेखा को अवास्तविक लेखा कहा जाता है । जैसे किराया का लेखा, ब्याज का लेखा अवास्तविक लेखा हुआ ।

Chapter 7 अवास्तविक लेखा का नियम (Rule of Nominal Account)

सभी खर्च एवं हानियों को नाम (Debit all expenses and losses)

सभी आमदनी एवं लाभों को जमा (Credit all incomes and gains)

व्यवसाय में जो खर्च होता है उसके नाम को Debit किया जाता है । इसी प्रकार जो आमदनी होता है उसके नाम को Credit किया जाता है ।

Chapter 8 Also Read

लेखांकन क्या है ?

लेखांकन की विशेषताएँ क्या है ?

लेखांकन के लाभ क्या है ?

लेखांकन के कार्य क्या है ?

लेखांकन के उद्देश्य क्या है ?

उद्देश्य के आधार पर लेखांकन के प्रकार क्या है ?

सम्पत्तियाँ (Assets) क्या है ?

पूँजी (Capital) क्या है ?

लेनदार (Creditor) क्या है ?

देनदार (Debtor) क्या है ?

खर्च (Expenditure) क्या है ?

व्यय (Expenses) क्या है ?

Chapter 9 Topics

AccountingJournalTrial BalanceCash BookBills Of ExchangeFinal AccountRectification Of ErrorsDepreciationAdjustmentsLedgerBank Reconicliation StatementCompanyEntrepreneurshipBusiness StudyManagementFinanceShare Market In Hindi

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  • Personal Account
  • Real Account
  • Nominal Account

Chapter 10 Personal Account

Personal Account जिसे हिंदी में व्यक्तिगत खाता के नाम से जाना जाता है इस प्रकार के account में किसी व्यक्ति से सम्बंधित होता है और इस खाते का एकाधिकार होता है Personal Account कहलाता है, जैसे – Ram A/c, Ramesh A/c, Laxmi A/c.

Personal account (व्यकतिगत खाता) के Golden Rules

Receiver (पाने वाला) – Debit (Dr.)
Giver (
देने वाला) – Credit (Cr.)

Example – Ramesh ने मोहन को 100 रूपये दिए.

इस example में Ramesh और मोहन के बीच लेनदेन हो रहा है और दोनों व्यक्ति है और खाते का हक़दार वह अकेले है, इस प्रकार यह व्यक्तिगत खाता के वर्ग में आएगा. उपरोक्त उदाहरण में मोहन पाने वाला है और रमेश देने वाला है, इस प्रकार इसका voucher entry इस प्रकार होगा

Voucher entry in Tally / journal entry in एकाउंटिंग

Mohan A/c Dr. – 100
Ramesh A/c Cr. – 100

Chapter 11 Real Account –

Real Account जिसे हिंदी में वास्तविक खाता के नाम से जाना जाता है, यह व्यापार की सम्पत्ति से सम्बंधित होता है, Real Account कहलाता है, जैसे – Purchase A/c, Sales A/c, Fixed Assets A/c.

Chapter 12 Types of Real Account

  • Tangible accounts. (मूर्त खाता)
  • Intangible accounts. (अमूर्त खाता)

Chapter 13 Tangible accounts. (मूर्त खाता)

Tangible खाता जिसे हिंदी में हम मूर्त खाता के नाम से जानते है, ये खाते व्यापार के सम्पति से जिसे छु या देख सकते है मूर्त खाता के नाम से जाना जाता है. for example – Building A/c, Cash A/c, Goods A/c इत्यादि.

Chapter 14 Intangible accounts. (अमूर्त खाता)

Tangible खाता जिसे हिंदी में हम अमूर्त खाता के नाम से जानते है, ये खाते व्यापार के सम्पति से जिसे छु या देख नही सकते है अमूर्त खाता के नाम से जाना जाता है. for example – Goodwill, Patent, Copyright, Trademark इत्यादि.

Real account (वास्तविक खाता) के Golden Rules

Whats Come in (जो आता है ) – Debit (Dr.)
Whats Goes in (
जो जाता है ) – Credit (Cr.)

Example श्री तृषा कंप्यूटर से लखन ट्रेडर्स 15000 रूपये का computer system ख़रीदा. लखन ट्रेडर्स

इस example में श्री तृषा कंप्यूटर से computer system ख़रीदा जा रहा है. उपरोक्त उदाहरण में computer system हमें प्राप्त हो रहा है जो की मूर्त सम्पत्ति है और नगद रूपये जा रहा है या भी मूर्त सम्पत्ति, इसलिए इसका voucher entry इस प्रकार होगा

Voucher entry in Tally / journal entry in एकाउंटिंग

Computer System A/c Dr. – 15000
Cash A/c Cr. – 15000

Chapter 15 Nominal Account –

Nominal Account जिसे हिंदी में आय-व्यय खाता के नाम से जाना जाता है इस प्रकार के account में किसी आय-व्यय खाता से सम्बंधित होता हैNominal Account कहलाता है, जैसे Rent A/c, commission received A/c, salary A/c, wages A/c, conveyance A/c, इत्यादि.

Nominal account (आय-व्ययखाता) के Golden Rules

All Expenses & Losses (सभी व्यय और हानि) – Debit (Dr.)
All Income & Gains (
सभी आय और लाभ) – Credit (Cr.)

Example बिजली बिल के 1000 रूपये दिए.

इस example में बिजली बिल भुगतान लेनदेन हो रहा है और एक Electricity Bill account जो की Expenses जो Nominal account है इसी प्रकार cash account Real account है. इस प्रकार इसका voucher entry इस प्रकार होगा

Voucher entry in Tally / journal entry in एकाउंटिंग

Electricity Bill A/c Dr. – 1000
cash A/c Cr. – 1000


 

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